समान स्तर के अवसर, सामाजिक न्याय, समानता प्रदान करने के उद्देश्य से, भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग द्वारा दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना (डीडीआरएस) शुरू की गई है|
समान स्तर के अवसर, सामाजिक न्याय, समानता प्रदान करने के उद्देश्य से, भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग द्वारा दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना (डीडीआरएस) शुरू की गई है|
विकलांग लोगों को सशक्तिकरण. दिव्यांगजनों के समग्र सशक्तिकरण के लिए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए जिम्मेदार विभाग द्वारा दीनदयाल दिव्यांग पुनर्वास योजना (डीडीआरएस) पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।
इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों (एनजीओ) की मदद से विकलांगता की पहचान कर उन्हें स्कूलों से ही सहायता के रूप में प्रदान किया जाता है, ताकि वे जीवन में आने वाली कठिनाइयों का आसानी से सामना कर सकें। इसके साथ ही जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में सहयोग भी प्रदान किया जाता है, ताकि दिव्यांग व्यक्ति भी सामान्य जीवन जी सके।
केंद्रीय क्षेत्र योजना, जिसे "विकलांगों के लिए स्वैच्छिक कार्रवाई को बढ़ावा देने की योजना" के रूप में भी जाना जाता है, 2003 में संशोधित किया गया और इसका नाम बदलकर डीडीआरएस कर दिया गया। योजना का उद्देश्य स्वैच्छिक संगठनों को दिव्यांगजन के पुनर्वास के लिए आवश्यक सेवाओं की एक पूरी श्रृंखला प्रदान करना है।
एसबीआई रिसर्च के अनुसार 2023-24 में यह पहली बार 5 प्रतिशत से नीचे आ गई है।
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