सीबकथोर्न फल एक प्रकार का कैक्टस है जो हिमालय सहित ठंडे और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में पाया जाता है।
सीबकथोर्न फल एक प्रकार का कैक्टस है जो हिमालय सहित ठंडे और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में पाया जाता है। लद्दाख में सीबकथोर्न फल की खेती प्राचीन काल से की जा रही है। इस फल का उपयोग पारंपरिक औषधीय उपचारों में भी किया जाता है।
हाल ही में, लद्दाख सीबकथोर्न फल को भारत सरकार द्वारा भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्रदान किया गया है। यह लद्दाख के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि यह इस क्षेत्र के उत्पादों को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करेगा।
जीआई टैग एक ऐसा टैग है जो किसी उत्पाद की विशिष्टता और उत्पत्ति को प्रमाणित करता है। यह टैग एक उत्पाद को कॉपीराइट की तरह संरक्षण प्रदान करता है। जीआई टैग प्राप्त करने के लिए, एक उत्पाद को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना चाहिए:
1. उत्पाद की एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होनी चाहिए।
2. उत्पाद की गुणवत्ता और विशेषताएं इसकी भौगोलिक उत्पत्ति के कारण होनी चाहिए।
3. उत्पाद की पहचान इसकी भौगोलिक उत्पत्ति के साथ जुड़ी होनी चाहिए।
4. लद्दाख सीबकथोर्न फल जीआई टैग प्राप्त करने के लिए इन सभी मानदंडों को पूरा करता है। यह फल लद्दाख के उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है।
इसकी विशेषताएं, जैसे कि इसका अम्लीय स्वाद और उच्च पोषक तत्व सामग्री, इसकी भौगोलिक उत्पत्ति के कारण होती हैं। लद्दाख के लोगों के लिए सीबकथोर्न फल एक महत्वपूर्ण खाद्य और औषधीय संसाधन है।
जीआई टैग प्राप्त करने से लद्दाख सीबकथोर्न फल की मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है। यह उत्पाद को देश-विदेशों में अधिक पहचान दिलाएगा। इससे लद्दाख के किसानों और उद्यमियों को आर्थिक लाभ होगा।
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